दिल्ली से सटे हरियाणा के गुरुग्राम के रायन स्कूल में सात साल के बच्चे प्रद्युम्न की जिस तरह गला काट कर हत्या की गई, उससे देश भर के अभिभावकों के मन में डर बैठना स्वाभाविक है। स्कूल बस के कंडक्टर को पकड़ा गया है। उसने हत्या की बात कबुल भी ली है, लेकिन पुलिस अब भी कई सवालों के जवाब तलाशने में जुटी हुई हैं।
आरोपी चाकू लेकर स्कूल के टॉयलट में क्यों गया? सीधा सा मतलब है कि वह अपराध के इरादे से ही वहां गया था। सवाल यह भी है कि क्या वह पहले भी स्कूल के किन्हीं बच्चों के साथ चाकू की नोक पर कुकर्म कर चुका था। सवाल यह भी है कि क्या वह किसी दूसरे बच्चे के साथ कुकर्म कर रहा था कि इसी बीच प्रद्युम्न पहुंच गया और शिकार बन गया?
सवाल यह भी है कि गला कटते ही प्रद्युम्न का ख़ून इतनी तेज़ी से बहा कि छींटे टॉयलट की दीवार पर ढाई मीटर ऊंचाई तक पाए गए, तो आरोपी के कपड़ों पर भी ख़ून ज़रूर लगा होगा। क्या पुलिस को ख़ून आलूदा कपड़े मिले हैं?
आरोपी को वारदात के कई घंटे बाद पकड़ा गया, तो बड़ा सवाल यह है कि ख़ून सने कपड़ों में उसे मौक़ा-ए-वारदात से जाते किसी ने पहले क्यों नहीं देखा? साफ़ है कि यह हत्याकांड स्कूल प्रबंधन की बड़ी चूक है। अब सवाल यह है कि देश भर के बच्चे स्कूल बसों में सुरक्षित नहीं, स्कूलों में सुरक्षित नहीं, तो क्या उपाय किए जाएं?
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