जब आप कोई परीक्षा या प्रतियोगिता देते हैं, तो सवालों को कैसे अंक देना है, यह तय करना बहुत ज़रूरी होता है। इसी काम को मार्किंग स्कीम् (marking scheme) कहा जाता है। ये एक गाइड होती है जो बताती है कि कौन सा जवाब कितना अंक लायक है और किन पॉइंट्स को मिलाना चाहिए। अगर स्कीम् सही नहीं है, तो अंक नहीं मिलेंगे या बहुत अधिक मिलेंगे, जिससे रिजल्ट पर असर पड़ता है।
पहली बात तो यह है कि स्कीम् से सभी परीक्षकों का मानक एक जैसा रहता है। अगर दो अलग-अलग परीक्षक एक ही उत्तर को देखें, तो स्कीम् के नियमों से पता चलता है कि उन्हें एक ही अंक मिलना चाहिए। इससे निष्पक्षता बनी रहती है और छात्रों को भी पता चलता है कि उनके उत्तर को किस तरह से देखा जाएगा।
दूसरी बात, स्कीम् से छात्रों को भी तैयारी में मदद मिलती है। वे जानते हैं कि कौन से बिंदु अधिक महत्वपूर्ण हैं, इसलिए पढ़ाई के दौरान उन पार्ट्स पर ज्यादा ध्यान देते हैं। खासकर competitive exams में, जहाँ हर एक अंक का महत्व होता है, मार्किंग स्कीम् को समझना पढ़ाई को स्मार्ट बनाता है।
1. **स्पष्ट पद्यति** – प्रत्येक प्रश्न के लिए अंक का स्पष्ट विभाजन रखें। उदाहरण के तौर पर, यदि एक उत्तर में दो भाग हैं, तो पहला भाग 5 अंक और दूसरा भाग 3 अंक जैसा वितरण करें। इससे परीक्षक को जल्दी पता चल जाएगा कि क्या अंक देना है।
2. **उदाहरण जवाब** – स्कीम् के साथ एक मानक उत्तर भी दें। इससे परीक्षक को पता चलता है कि किस तरह के उत्तर को पूरी अंकता देना है और कौन से छोटे हिस्से को अंशांक देना है।
3. **त्रुटि सहनशीलता** – कभी-कभी छात्र थोड़ी अलग शब्दावली में सही जवाब देते हैं। स्कीम् में ऐसे केसों को कवर करें, ताकि सही उत्तर को कम अंक न दिया जाए।
4. **टेस्ट रन** – स्कीम् बनाते समय कुछ नमूना उत्तरों पर इसे लागू करके देखें। यदि कोई अनियमितता दिखे तो संशोधित करें। यह कदम अंतिम स्कीम् को परिपूर्ण बनाता है।
5. **समीक्षा और अपडेट** – समय-समय पर स्कीम् को रिव्यू करें, खासकर जब परीक्षा का पैटर्न बदलता है। पुराने स्कीम् को नया बनाने से अंक देने में असमानता बचती है।
इन टिप्स को फॉलो करके आप या आपका संस्थान एक भरोसेमंद मार्किंग स्कीम् तैयार कर सकते हैं, जो सभी को समान अवसर देता है और रिजल्ट को सटीक बनाता है।
आखिर में, यदि आप छात्र हैं तो परीक्षा से पहले इस स्कीम् को देखें, ताकि आप जानते हों कि कौन से पॉइंट्स को ज़्यादा वजन मिलेगा। अगर आप शिक्षक हैं तो अपनी स्कीम् को ऊपर बताए गए बिंदुओं के अनुसार तैयार करें, जिससे आपके छात्रों को निष्पक्ष और स्पष्ट मूल्यांकन मिल सके।
SBI Clerk प्रीलिम्स 20-21 सितंबर 2025 को होगा। 100 सवाल, 100 नंबर और हर गलत जवाब पर 0.25 कटौती—तीन सेक्शन, 20-20 मिनट की फिक्स टाइमिंग। प्रीलिम्स क्वालिफाइंग है, पर सेक्शनल और ओवरऑल कट-ऑफ दोनों क्लियर करने होंगे। मेन्स के लिए शॉर्टलिस्टिंग राज्य/श्रेणीवार होती है। यहां पैटर्न, मार्किंग और तैयारी की साफ रणनीति जानें।