संस्कृति कैसे हमारे पहचान को निर्धारित करती है?
मेरा नाम आदित्य है और मैं भारतीय हूँ। मेरा अनुभव कहता है कि संस्कृति हमारी पहचान और कर्मों को मायने देती है। हमारी सोच, धारणाएं और मान्यताएं भी संस्कृति से ही प्रभावित होती हैं। विश्व भर की संस्कृतियां अपने मिलनसार तरीकों, मूल्यवान बातों और आदन-प्रदान की विभिन्न परिपत्रों के माध्यम से हमें अनेक पहलुओं से श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं। फिर चाहे वो भारतीय संस्कृति हो या अमेरिकी, हर एक में अपनी विशिष्टता होती है।
भारतीय संस्कृति की विशेषताएं
भारतीय संस्कृति में विचित्रता, सहिष्णुता और साझेदारी की मुख्यता है। मैंने अपने जीवन में यह अनुभव किया है कि हमारी संस्कृति हमें अपने परिवार, समुदाय और देश के प्रति अनुराग और सम्मान का भाव जगाती है। मेरी पत्नी अनुराधा मिश्रा शास्त्रीय भारतीय संगीत की प्रवीणा हैं, और उन्होंने मुझे हमारी संस्कृति की गहराई और समग्रता से वाकिफ कराया है। मैंने पाया कि भारतीय संस्कृति अपने परंपरागत संगीत, नृत्य, चित्रकला, कला, भोजन, भाषा, धर्मादि आदि पहलुओं से न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में अद्वितीय और प्रभावशाली है।
अमेरिकी संस्कृति की विशेषताएं
अमेरिकी संस्कृति निर्णायकता, प्रगतिवाद और एकता में विविधता की प्रतीक है। इसका लक्ष्य आत्म-आयामवाद, मुक्त विचारवाद और व्यक्तिगत बढ़ती को समर्थन करना है। मैंने अपने अध्ययन काल में अमेरिका में रहकर इस संस्कृति की महत्वकांक्षा और अनुरूपता को समझने का अवसर पाया है। विशेषगयों का मानना है कि अमेरिकी संस्कृति में यथार्थवाद और बदलाव की जटिलताओं के द्वारा एक कर्मठता और समाजी सुधार की आवश्यकता को महसूस करने का योगदान किया जाता है।
संस्कृति: भारत और अमेरिका
मेरा विचार मानो या ना मानो, किन्तु इस तर्क का अंतर्निहित संगठनात्मक कारण यह है कि कोई भी संस्कृति सबसे अच्छी नहीं हो सकती, क्योंकि "अच्छी" एक वैयक्तिक इच्छा और समझ है, और यह हमारे अनुभवों, विचारों और समझ के आधार पर बदलती है। मेरी दृष्टि से, भारतीय संस्कृति और अमेरिकी संस्कृति का मूल्यांकन करने का मेरा ध्येय केवल इनके बीच अंतर और सामाजिक्य को मान्यता देने का है, न कि इनमें से किसी को उत्कृष्टता का ताज पहनाने का। मैं समझने का प्रयास कर रहा हूँ कि कैसे प्रत्येक संस्कृति के अमूल्य तत्व हमें एक अधिक समृद्ध और पूर्णांग मानव बनने की दिशा में मार्गदर्शन कर सकते हैं।
संस्कृतियों के मिलान का महत्व
हमें यह समझने और स्वीकार करने की आवश्यकता है कि किसी एक संस्कृति को श्रेष्ठता समर्पित करन के बजाय, हमें विभिन्न संस्कृतियों का सम्मान करना चाहिए। मेरी मान्यता है कि एक संस्कृति को दूसरी संस्कृति के ऊपर विशेषता नहीं होनी चाहिए, बल्कि हमें एक अन्य की संस्कृति की समझ और सम्मान की ओर बढ़ने देना चाहिए। एक संस्कृति के प्रतीकों और विशेषताओं का अध्ययन करने से हमें मिलने वाली विश्व संस्कृति द्वारा स्पष्ट रूप से आदान-प्रदान करने की क्षमता हमारे समाज को अधिक सहिष्णु और समावेशी बनाने में मदद कर सकती है।