मौसम एवं विज्ञान

IMD ने उत्तर प्रदेश में 21 सेमी तक तीव्र बारिश व तेज़ हवाओं की चेतावनी जारी की

आदित्य अभिनव

आदित्य अभिनव

IMD ने उत्तर प्रदेश में 21 सेमी तक तीव्र बारिश व तेज़ हवाओं की चेतावनी जारी की

जब इंडिया मेटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने 4 ऑक्टूबर 2025 को उत्तर प्रदेश में 21 सेमी तक की तीव्र बारिश की चेतावनी जारी की, तो राज्य के निवासियों ने तुरंत सतर्कता बरतने का आदेश सुनहरा समझा। यह चेतावनी अगले तीन दिनों, यानी 4‑7 अक्टूबर तक के मौसम को कवर करती है, और मध्य‑6 अक्टूबर को बारिश की तीव्रता के शिखर की उम्मीद है।

मौसम चेतावनी का सारांश

IMD ने बताया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में 21 सेमी से अधिक वर्षा‑संचयन हो सकता है, जबकि पूरे राज्य में 30‑40 किमी/घंटा की लहलहाती हवाओं के साथ 50 किमी/घंटा तक के झटके भी देखे जा सकते हैं। लखनऊ, राज्य की राजधानी, में अधिकतम तापमान 31‑36 °C (88‑96 °F) और न्यूनतम 16‑28 °C (61‑82 °F) रहने की संभावना है। कुल मिलाकर अक्टूबर के लिए लगभग 37 मिमी वर्षा का अनुमान लगाया गया है, जो दो बरसात के दिनों से ही पूरा हो जाएगा।

प्रमुख कारक और मौसम प्रणाली

वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (Western Disturbance) नामक एक विशिष्ट वायुमण्डलीय घटना इस मौसम की मुख्य चालक है। पश्चिमी बाधा 4 अक्टूबर से उत्तर‑पश्चिम भारत में प्रकट होगी, और अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी दोनों से नमी‑समाहित हवा को लेकर आएगी। यह नमी‑संकुलण अरुणाचल प्रदेश (एक उच्च‑वायुरचना) के ऊपर स्थित सायकोनिक घूर्णन प्रणाली के साथ मिलकर गंगा‑मैदान में तीव्र वर्षा लाएगा।

समुद्र‑तल से उठी ये नमी‑भरी धारा जब मध्य‑5‑7 अक्टूबर के बीच उत्तर‑पूर्वी भारत के ऊपर से गुज़रती है, तो बौछारें, गरज के साथ कड़ाके की तेज़ हवाएं और कभी‑कभी ओले की संभावना भी बनती है।

उत्तरी प्रदेश में अनुमानित बारिश और हवाओं की स्थिति

उत्तरी प्रदेश में अनुमानित बारिश और हवाओं की स्थिति

इंडिया मेटरोलॉजी विभाग ने विशेष रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश को जोखिम‑ग्रस्त बताया है। लखनऊ (राज्य की राजधानी) को लखनऊ में संभावित 30‑40 किमी/घंटा की सतत हवाओं और कुछ जगहों पर 50 किमी/घंटा तक की झपकी का जोखिम है। बड़ौदा, प्रयागराज और वाराणसी जैसे प्रमुख शहरों में जल‑जमाव और स्थानीय बाढ़ की आशंका जताई गई है।

महानगरों के अलावा उत्तर‑आधारभूत क्षेत्रों में भी अचानक पानी भरने के कारण सड़कों पर ट्रैफ़िक जाम की गंभीर स्थिति बन सकती है। विशेष रूप से जल‑बंध के पास स्थित निचले इलाकों में तेज़ बहाव और छोटे‑छोटे जल‑प्रवाहों से नुकसान का खतरा है।

प्रभावित क्षेत्रों में संभावित जोखिम

पिछले दो दिन में पड़ोसी ओडिशा में गहरी बाढ़ की स्थिति बनी रही, जहाँ कई स्थानों पर 20 सेमी‑से‑अधिक बारिश दर्ज हुई। इसी समय के करीब, उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में भी जल‑जमाव और कीचड़‑भरी सड़कों की संभावना है। गुप्पलपुर (ओडिशा) में 73 किमी/घंटा तक की तेज़ हवाएं दर्ज की गईं, जो कि लघु‑उपद्रव के समान असर डाल सकती हैं।

इन परिस्थितियों में मोबाइल सहायता, प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं और स्थानीय प्रशासन के बीच त्वरित समन्वय की आवश्यकता है। अगर समय पर उपाय नहीं किए गए, तो मानवीय नुकसान, फसल‑नष्ट और विद्युत् कटौती जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

भविष्य के कदम और सार्वजनिक सलाह

भविष्य के कदम और सार्वजनिक सलाह

IMD ने नागरिकों को तत्काल सतर्क रहने, जल‑जमाव वाले क्षेत्रों से दूर रहने और आवश्यक आपातकालीन सामान जैसे टॉर्च, बैटरी, और प्राथमिक चिकित्सा किट तैयार रखने की सलाह दी है। विशेष रूप से कृषि क्षेत्रों में किसानों को फसलों को सुरक्षित रखने के लिये बहाव रोकने वाले बाड़े और निकासी व्यवस्था को सक्रिय करने का निर्देश दिया गया है।

सेवन के सीक्रेटरी, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने कहा, "हर घर में जल‑जमाव की स्थिति में तुरंत पानी निकालें और बिजली के उपकरणों को बंद रखें।" ट्रैफ़िक पुलिस ने भी कहा कि प्रमुख हाईवे और पुलों पर निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगी, तथा आवश्यक होने पर वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था की जाएगी।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

किस समय तक बारिश की तीव्रता सबसे अधिक रहने की संभावना है?

IMD ने बताया कि 6 अक्टूबर को मध्य‑दोपहर से शाम तक बारिश का शिखर बनता दिख रहा है, जिससे इस दिन सबसे अधिक जल‑जमाव और बाढ़ का खतरा रहेगा।

क्या लखनऊ में बिजली कटौती की संभावना है?

बिजली विभाग ने कहा कि तेज़ हवाओं और बाढ़ के कारण यदि कोई गड़बड़ी हुई तो कुछ क्षेत्रों में अस्थायी कटौती हो सकती है, परंतु प्रमुख क्षेत्रों में वैकल्पिक जनरेटर चलाने की तैयारी है।

किसे जल‑जमाव की स्थिति में क्या करना चाहिए?

पहले सुरक्षित ऊँचे स्थान पर जाएँ, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बंद रखें, और यदि संभव हो तो स्थानीय प्रशासन के आधिकारिक अलर्ट चैनल से अपडेट लेते रहें।

क्या किसानों को कोई विशेष सहायता मिलेगी?

कृषि विभाग ने कहा कि बाढ़‑प्रभावित क्षेत्रों में फसल‑बीमा के तहत नुकसान की भरपाई की प्रक्रिया तेज़ की जाएगी, और प्रभावी निकासी के लिए स्थानीय सरकार अतिरिक्त सहायता प्रदान करेगी।

पश्चिमी बाधा (Western Disturbance) क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

पश्चिमी बाधा एक ठंडी वायुमंडलीय प्रवृत्ति है जो उत्तर‑पश्चिमी भारत में बरसाती मौसमी प्रभाव लाती है। यह समुद्र‑तट से उठी नमी‑सम्पन्न हवा को लेकर आंधी‑तूफान और भारी बर्ज़न उत्पन्न करती है, जिसे इस सीजन में विशेष रूप से देखना महत्वपूर्ण है।